#बरेली: 3 दिन तक चले सर्वे रिपोर्ट अदालत में पेश करने से पूर्व ही तमाम तरह के दावे किए जा रहे जिससे एकाएक प्रदेश के माहौल में गर्माहट आ गई है इस मसले पर पहले से ए आई एम आई एम के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी का बयान सुर्खियों में है कि एक मस्जिद खो चुके दूसरी नहीं खोना चाहते तथा सुप्रीम कोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि जब 1991 में कानून बन गया कि अब किसी भी तरह धार्मिक मसले पर किसी भी वर्ग का दावा मान्य नहीं होगा तो फिर किस बिना पर अदालत ने सर्वे का आदेश दिया..? वहीओवैसी के बाद सुन्नी मसलक के मुसलमानो के सबसे बड़े मरकज आला हजरत के प्रचारक मौलाना शहाबुद्दीन ने भी इसे फिरका परस्तो की साजिश बताया और कहा कि यह दो वर्गों में नफरत फैलाने के लिए किया जा रहा है उन्होंने कहा कि हमने बाबरी मस्जिद खो दिया उस वक्त मुसलमानों ने अदालतें आलिया के फैसले का एहतराम किया और खामोशी अख्तियार की पर ज्ञानवापी मसले पर हम खामोश नहीं बैठे हैं उन्होंने कहा कि अगर अयोध्या जैसी नापाक कोशिश वाराणसी में हुई तो एक बड़ा आंदोलन करने को हम मजबूर हो गे ताजमहल मसले पर भी उन्होंने अपनी बातें बेबाकी से रखी और कहा कि शाहजहां ने अपनी बेगम मुमताज की मोहब्बत में बनवाया था ताजमहल जमीन भी उनकी इस मसले को उठाना भी सरासर गलत है इस पर उन्होंने इलाहाबाद हाईकोर्ट के उन जज की तारीफ के पुल बांधे और कहा कि आज जरूरत है ऐसे ही शख्सियत की जो पूरी ईमानदारी से वतन के महफूज करने के लिए आम लोगों को एक करने के लिए कौमी यकजहती बढ़ाने के लिए फिरका परस्त ताकतों के मंसूबे ना काम करें और देश हित में फैसला सुनाए उन्होंने कहा कि कुछ नेगेटिव सोच के लोग हर दिन कोई ना कोई नया मुद्दा उठाते हैं ताकि हिंदू मुसलमान एक दूसरे से दूर रहे और हम वतन को उसके खजाने को दीमक की तरह खोखला करते रहे इस पर किसी का ध्यान ना जाए। मौलाना शहाबुद्दीन ने कहा कि वक्त रहते हर हिंदुस्तानी को इस पर ध्यान देना होगा ताकि हमारा लोकतंत्र जो खतरे में पड़ गया है उसे खतरे से निकाला जाए हर तरफ खुशहाली हो ईद और दीवाली हो जिसे मिलजुल कर सदियों से मनाते चले आ रहे हैं दोनों वर्ग के लोग और आगे भी मनाते रहे।
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