मुल्क के मुस्तकबिल के लिये ज़रूर वोट करें
जम्हूरियत ने जो ताकत दी है बखूबी वाकिफ है नौजवान, किसान व आम अवाम
“जब भी जी चाहे नई दुनिया बना लेते हैं लोग, एक चेहरे पे कई चहरे लगा लेते हैं लोग”
लोकसभा चुनाव का एलान होते ही मुखालिफ पार्टी के लोगों ने नया मुद्दा भाजपा को देने में ज़रा भी देर नहीं की कि रमज़ान में क्यूँ वोटिंग रखी गई? आम अकलियत के लोग अभी कुछ कहते उससे पहले खुद को कौम का रहबर बताने वाले ने बहस शुरू कर दी जो किसी लिहाज़ से मुनासिब नहीं है| सेकुलरिज्म का लिबास ओढ़े सियासी लोग कहने लगे कि जानबूझ कर मुसलमानों की ज्यादा आबादी वाली सीट राज्य में रमजान के दिन ही वोटिंग की तारिख रखी| बहस शुरू होते ही इस मसले की साम्प्रदायिकता की शक्ल देने लगे लोग| जबकि आम अकलियत ऐसे सियासी लीडरों के बयान से इत्तेफाक नहीं रखता| इस मसले पर देश के सब से बड़े राज्य में रहने वाले लोगों से पूछे गाये सवाल का जवाब देते हुये लखनऊ अमीनाबाद के रिजवान अब्बास ने कहा कि कुछ लोग बेवजह तूल दे रहे है ऐसे मुक़द्दस महीने में कुदरत की तरफ से इशारा हुआ है कि दुगुनी ताक़त से वोट दिलाने व देने में सारा दिन लगा रहे| कानपूर चमनगंज के तौकीर खान ने भी कहा हम सब उस दिन वोट देंगे और आस पास देखेंगे कि कोई छूटा तो नहीं वोट देने में| बनारस के मदनपुरा के रहीम अंसारी ने अपने ख्यालात का इज़हार करते हुए कहा के हमें जम्हूरियत ने जो हक दिया है उसका इस्तेमाल ज़रूर करेंगे रही बात रमजान की तो इस महीने में घर की ख्वातीन को दिन में कोई काम नहीं होता सो इस बार हमारे घर की औरतें, बेटी, बच्चे नई हुकूमत बनवाने में हर इलेक्शन से ज्यादा अहम किरदार अदा करेंगी| इलाहबाद के हसन मंजिल के डॉक्टर सईद ने कहा की रमजान में चुनाव की तारिख पर शोर मचाने वाले बेवजह परेशान न हों कौम को मालूम है की मुल्क के मुस्तकबिल (भविष्य) की बात है जम्हूरियत ने जो ताकत वोट की हम सब को दिया है उसका इस्तेमाल करेंगे और अपने शहर गाँव कस्बे मोहल्ले व गलियों में रहने वाले लोगों को बेदार करेंगे| रही एक ख़ास कौम के लोगों की कि रमजान के मदेनज़र वोटिंग का फीसदी कम होगा तो यह गलत साबित करेगी कौम| अकबरपुर के सय्यद शहाब उद्दीन पत्रकार ने कहा कि अबकी बार मज़बूत सरकार के लिये हमेशा से ज्यादा समझदारी से वोट करेगें कौम के लोग| रमजान में रखी गई वोटिंग की तारिख कुदरत का इशारा है कि न नाश्ता न खाना बनाने की फ़िक्र रहेगी बस वोट की जो ज़रूर करेगी पूरी कौम| वरना न समझेगी तो मिट ..........
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