केन्द्र की सरकार न्यायिक प्रक्रिया को पूरी तरह से आदिवासियों, दलितों एवं पिछड़े वर्गों को तबाह करने, उनके हितों को कुचलने और आरक्षण समेत उनके अधिकारों को समाप्त करने पर तुली है - शहरे अमन

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Mar 5, 2019

केन्द्र की सरकार न्यायिक प्रक्रिया को पूरी तरह से आदिवासियों, दलितों एवं पिछड़े वर्गों को तबाह करने, उनके हितों को कुचलने और आरक्षण समेत उनके अधिकारों को समाप्त करने पर तुली है

केन्द्र की सरकार न्यायिक प्रक्रिया को पूरी तरह से आदिवासियों, दलितों एवं पिछड़े वर्गों को तबाह करने, उनके हितों को कुचलने और आरक्षण समेत उनके अधिकारों को समाप्त करने पर तुली है
प्रयागराज 05.03.2019 पूर्वांचल दलित अधिकार मंच (पदम), अखिल भारतीय अम्बेडकर महासभा, अम्बेडकर जन जागरण मंच, भारतीय युवा मोर्चा, पीपुल्स वाइस के साथ प्रयागराज के दर्जनों सामाजिक संगठनों के साथ-साथ बामसेफ, संविधान बचाओं संघर्ष समिति आइसा एवं समाजवादी पार्टी के हजारों कार्यकर्ताओं राष्ट्रव्यापी भारत बंद के समर्थन में नगर प्रयागराज को बंद कराने में सफल रहे। सर्वप्रथम पदम के संस्थापक उच्च न्यायालय के अधिवक्ता रामबृज गौतम के नेतृत्व में कार्यालय एडीएम सिटी के समक्ष धरना-प्रदर्शन करके 13 प्वाइंट रोस्टर वापस लो, निजी क्षेत्र में आरक्षण लागू करो, 10ः सवर्ण आरक्षण वापस लो, न्यायपालिका में आरक्षण लागू करो व लाखों आदिवासी परिवारों को उजाड़ना बन्द करो मांग विषेयक ज्ञापन महामहिम राष्ट्रपति और भारत के प्रधानमंत्री को सम्बोधित ज्ञापन एडीएम सिटी अशोक कुमार कनौजिया को सौंपा गया।
ज्ञापन के माध्यम से मांग किया गया कि वर्तमान केन्द्र की सरकार न्यायिक प्रक्रिया को पूरी तरह से आदिवासियों, दलितों एवं पिछड़े वर्गों को तबाह करने, उनके हितों को कुचलने और आरक्षण समेत उनके अधिकारों को समाप्त करने पर तुली है। हाल ही में सर्वोच्च न्यायालय ने लाखों आदिवासी परिवारों को उजाड़ देने का फैसला दिया है। इससे आदिवासियों का उनकी पुस्तैनी भूमि, आवास और सम्मान से जीने का हक खतरे में पड़ गया है। इस सर्वोच्च अन्याय का शिकार आदिवासी समाज अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहा है। आपकी जिम्मेदारी है कि आदिवासी समाज के सामाजिक-आर्थिक अस्तित्व की इस लड़ाई में उनके संवैधानिक अधिकार दिलाये। उच्चतम न्यायालय के चलते 13 प्वाईंट रोस्टर के तहत एससी/एसटी/ओबीसी के आरक्षण और प्रतिनिधित्व को विश्वविद्यालयों, कालेजों रेलवे व अन्य सरकारी संस्थानों में समाप्त सा कर दिया है और अन्य सरकारी विभागों को भी मनमाने ढंग से परिभाषित करने पर तुली हुयी है। इस फैसले को लागू करने के लिए जारी किये जा रहे आदेशों की मंशा बताती है कि सरकार मनमाने तरीके से बैंक की शाखा और सरकारी स्कूल को इकाई मानकर एससी/ एसटी/ओबीसी के आरक्षण को पूरी तरह निष्प्रभावी कर सकती है। पुलिस व अर्ध-सैनिक बलों में वह यही प्रक्रिया टुकड़ी या थाना स्तर पर लागू कर सकती है।
ज्ञापन सौंपने वालों ने अमर बहादुर गौतम, सुनील कुमार गौतम, राकेश कुमार, कंुज बिहारी, बाबूलाल दोहरे, हीलालाल बौद्ध, वीरेन्द कुमार गौतम, कृष्ण कुमार गौतम, राधेश्याम गौतम, आदित्य कुमार, हिमांशु जायसवाल आदि उपस्थित रहे। ज्ञापन सौंपने के उपरान्त सभी संगठनों के कार्यकर्ता इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्र संघ भवन पर एकत्रित हुए। हासिमपुर, सिविल लाइन्स और कटरा मार्केट को शान्तीपूर्वक ढंग से बन्द कराने में सफल रहे।

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