रांची।रिम्स की गोल्ड मेडलिस्ट डॉ अर्चना शर्मा ने राजस्थान के दौसा में आत्महत्या कर ली।अर्चना दौसा स्थित आंनद हॉस्पिटल में स्त्री रोग विशेषज्ञ के रूप में कार्यरत थीं।अस्पताल में प्रसव के दौरान 28 मार्च को एक प्रसूता की मौत हो गयी थी, जिसके बाद मृत महिला के परिजनों ने डॉ अर्चना और उनके पति पर हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था।हत्या का मुकदमा दर्ज होने के बाद से ही डॉ अर्चना काफी डिप्रेशन में आ गयी थीं। घटना के अगले दिन ही अर्चना ने अस्पताल के एक कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।अर्चना ने रांची रिम्स से वर्ष 1998 में MBBS और गाइनी से एमडी की पढ़ाई पूरी की थी।मेधावी छात्रा होने के कारण उनको गोल्ड मेडल से सम्मानित भी किया जा चुका था।
डॉ अर्चना शर्मा ने सुसाइड नोट में लिखा है कि प्रसव के दौरान ब्लिडिंग होना आम है, जिसके लिए डॉक्टर जिम्मेदार नहीं होता है।इसके लिए डॉक्टरों को प्रताड़ित करना बंद कराना चाहिए।मेरे मरने के बाद शायद मेरी बेगुनाही का प्रमाण लोगों को मिल जाये। मैं अपने पति और बच्चों से बहुत प्यार करती हूं, इसलिए उनको तंग नहीं किया जाये।अर्चना के पिता एचइसी में काम करते थे और उनकी सेनेट्री की दुकान है।अर्चना की एक बहन भी डॉक्टर है। इधर अर्चना की हत्या के विरोध में झारखंड आईएमए, एएचपीआइ, रिम्स जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन और झारखंड विप्र फाउंडेशन सहित कई संगठनों ने इस घटना की निंदा की है और दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है.
केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने रांची की बेटी के आत्महत्या करने पर दुख व्यक्त करते हुए राजस्थान सरकार से इसकी जांच कराने की मांग की है।इस मामले में ट्वीट करते हुए उन्होंने कहा कि इस घटना के बाद राजस्थान सरकार एवं पुलिस प्रशासन कटघरे में आ गयी है। राज्य की अशोक गहलोत सरकार इस मामले की जांच कराएं और दोषी अधिकारियों पर कठोर कार्रवाई हो।
Curtsey: Swaraj Sawera
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