प्रयागराज:-इन दिनों पूरे जिले की जनता खौफजदा हैं कि कब पीडीए वालों की नजर टेढ़ी हो जाए और बुलडोजर लाकर मकान ध्वस्त कर दे जी हां अकेले इलाहाबाद में सैकड़ों की तादाद में आम लोगों को तो छोड़ दीजिए रसूख वाले मानिंद लोगो के घरों को नहीं बख्शा गया और बिना नक्शा के निर्माण को अवैध बताकर जमीं दोज़ कर दिया गया। पीडीए वालों की इस कार्रवाई से कुछ लोगों को अटैक पड़ गया जो अब इस दुनिया में नहीं रहे कुछ लोग आज भी बिस्तर पर लेटे हैं जो मौत और जिंदगी की जंग लड़ रहे हैं क्योंकि बताया जाता है कि सैकड़ों साल से जिस मकानों में वह पले बढ़े उसको गैरकानूनी बताकर तोड़ दिया गया गुहार लगाए तो कहां लगाएं.? ध्वस्त करने वाली कोई और नहीं प्रयागराज विकास प्राधिकरण के अफ़सरान हैं। लेकिन क्या जिस आलीशान इमारत में विकास प्राधिकरण का दफ्तर है उसका नक्शा पास है..? यह सवाल किसी और ने नहीं अदालत ने किया P D A अफसरान से। जिस पर आनाकानी करते हुए प्रयागराज विकास प्राधिकरण के अफ़सरान ने कहा की मिलार्ड हमें समय दीजिए तारीख दे दी गई आज की तिथि मुकर्रर थी नक्शा लेकर अदालत में पेश होना था जैसे ही अफसरानों की पेशी हुई अदालत में अफसरान से अपने भवन का नक्शा मांगा जिस पर अफसरों ने कहा कि नक्शा मिल नहीं रहा इस बात से अदालत ने कड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि एक जिम्मेदार विभाग के अफसर के जबान से यह कहना शोभा नहीं देता कि नक्शा मिल नहीं रहा है फिर भी अदालत ने अगली तारीख 2 अगस्त मुकर्रर की जिस दिन अदालत ने सख्त निर्देश दिया कि नक्शा अवश्य ले आइएगा। गौरतलब है कि प्रयागराज विकास प्राधिकरण एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान यह बात बताई। बताया जाता है कि प्रयागराज में इंदिरा भवन दफ्तर के नीचे बनी दुकानों व बरामदा को हटाने के लिए मोहम्मद रशीद नाम के व्यक्ति ने याचिका दायर की थी इसी पर सुनवाई के दौरान यह बात सामने आई कि पूरे शहर में गैरकानूनी निर्माण बताकर सैकड़ों मकान को ध्वस्त करने वाला विभाग का दफ्तर खुद भी बिना नक्शे के बना है। इस बात जानकारी शहर के लोगों को हुई लोग कहने लगे चिराग तले अंधेरा..?
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