देशवासियों
बीते कुछ सालों से देश के अलग-अलग राज्यों के विभिन्न शहरों में ऐसी वारदातों को अंजाम दिया गया जिससे पूरी मानवता शर्मशार हुई जिनमें अलग-अलग धर्म के लोगों ने अपने ही देश के लोगों को निशाना बनाया जिसके बाद पूरे देश में तनाव की स्थिति पैदा हो गई लोग एक दूसरे के प्रति हीन भावना रखने लगे
जो किसी भी सूरत में भारत जैसे महान देश के लिए सही नहीं है। दरअसल इस तरह की वारदातों से भले ही कुछ लोग इसका राजनीतिक लाभ ले ले या लेते हो लेकिन सच्चाई यह है कि ऐसी घटनाएं से देश में रहने वाले विभिन्न संप्रदाय के लोगों की भावनाएं आहत होती है इससे कतई निहित स्वार्थी लोगों को छोड़कर सब का नुकसान होता है। और सबसे बड़ा नुकसान हमारे देश को। बीते दिनों उदयपुर की घटना समूची इंसानियत के लिए एक तरह का कलंक है। घटना को अंजाम देने वाले कौन लोग थे जिस धर्म से उनका संबंध था उन्हीं के किताबों में साफ तौर पर लिखा है की निहत्थे पर या धोखे से वार करने वाला कतई उस धर्म का हो ही नहीं सकता..? शायद यही कारण है कि आज पूरे देश में विशेष धर्म के मानने वाले विभिन्न मसलको के अनुयाई दरगाह के सज्जादा नशीन उलेमा हाफ़िज़ कारी मस्जिद के पेश इमाम आदि तमाम लोग एक स्वर से इस जघन्य हत्याकांड की निंदा ही नहीं कर रहे बल्कि ऐसे लोगों के खिलाफ जल्दी फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई कर कठोर से कठोर सजा देने की मांग भी कर रहे हैं ताकि निकट भविष्य में ऐसी वारदातों को अंजाम देने से पूर्व लोग सौ बार सोचे कि इसका अंजाम क्या होगा। यह एकता भारत को महान बनाती है और हमें चाहिए कि हमारे हृदय में मन में दिल एक बात अवश्य सदैव
रहना चाहिए कि हम ऐसा कोई कृत्य ना करें जिससे भारत में रहने वाले किसी भी समुदाय की भावना आहत हो भारत की एकता अखंडता भाईचारगी पर उसकी आंच आए यह तभी हो सकता है जब हम सच्चे मन से यह दृढ़ निश्चय कर ले कि
यह देश सलामत है
तो हम भी सलामत हैं।
हर देश निवासी को
बस याद ही रखना है।
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