प्यार करने वाले कहते है कि प्यार का रास्ता आसान नही होता है।जब प्यार दो दलित परिवारों के बच्चों के बीच में हो तो राह कैसे आसान हो सकती,जिसका एक मात्र कारण होता है, हमारे समाज मे घुला जातिवाद का जहर। इस खबर में दो प्यार करने वालों के बारे बताऊंगा,क्योकि शायद ये जातियां ही उनके प्यार के बीच मे बाधक बनी हुई नजर आती है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार इस कहानी में हम लड़की का नाम काल्पनिक बतायेंगे।
ऐसा ही एक मामला पश्चिमी उत्तर प्रदेश के एटा जिले के सदर विधानसभा की ग्राम पंचायत चांदपुर के ग्राम कुनावली से सामने आया है।वही एक दृष्टि में इस गांव की बात करे तो इस गांव मे लोग अधिकतर खेती किसानी पर आधारित रहते है।यहां की आबादी लगभग 2000 लोगों के आसपास की है।
गांव कुनावली में रहने वाले योगेश कुमार जो कि जाति से जाटव समाज से आते है,वही गाव की रहने वाली युवती जिसका काल्पनिक (बदला हुआ) नाम गुड़िया है। गुड़िया जाति से बाल्मिक है। इन दोनों के बीच मे लगभग 2.6 साल से प्रेम प्रसंग चल रहा था, जबकि इस रिश्ते से गुड़िया के परिवार वाले संतुष्ट नही थे,लेकिन ये ठहरे प्रेम के पंछी इनको न समाज का डर रहा न ही परिजनों का बस इन्होंने एक होने की ठान ली।गांव से निकल कर इन प्रेम के पंछियों ने एक साथ अपने आशियाने में रहने की ठान ली और दिल्ली चले गये, दिल्ली रहने के बाद आर्य समाज की धर्मशाला में रीति रिवाज के अनुसार शादी कर ली और साथ जीने मरने की ठान ली।
मामला जब पहुंचा कोर्ट कचहरी
गुड़िया के घर वाले जब योगेश के घर वालो को परेशान करने लगे तो गुड़िया ने सोचा हम अपनी बात पुलिस और कोर्ट के सामने रख दे। इसके लिए गुड़िया और योगेश जिला न्यायालय की शरण ले ली। थाना कोतवाली देहात में पहुंचे नव दम्पति ने 3 दिसम्बर 2021 आत्म समर्पण कर दिया जहां पर पुलिस ने गुड़िया को 18 दिनों तक महिला सर्वेक्षण ग्रह में रखा जो कि नियमों के विपरीत रहा। गुड़िया के बयान भी लिए गए उसमे भी गुड़िया ने योगेश के साथ रहने की बात कही। गुड़िया के उम्र की जांच के लिए डॉक्टरी परीक्षण के लिए भेज दिया तो डॉक्टरों ने गुड़िया की उम्र 17 साल 9 महीने बता दी, लेकिन शैक्षिक दस्तावेजों के अनुसार गुड़िया उम्र 24 साल निकली।इस पर न्यायलय ने गुड़िया के घर वालों को योगेश के परिवार वालों परेशान न करने की सख्त हिदायत भी दे डाली,लेकिन उसके बाद भी गुड़िया के परिजन न्यायालय का न मानते हुए नजर आए।इसके बाद में गुड़िया और योगेश साथ रहने के लिए दिल्ली का रुख अपना लिया।
आए दिन गुड़िया के घर वाले करने लगे परेशान
गुड़िया के घर वाले आए दिन योगेश के घर वालों को परेशान करने लगे और घर वालों को जान से मारने की धमकी देने।धमकी से योगेश घर वाले परेशान रहने लगें और उनकी जिंदगी जीना दूभर हो गया।
खेतों में लहरा रही फसल भी पहुंची बर्बादी कि कगार पर
योगेश के पिता मिल रही धमकियों से अपने परिवार के साथ अवसाद में रहने लगे। खेतो में खड़ी हुई गेंहू और सरसों की फसल बर्बाद होने लगी तो अपने खेत गेंहू की फसल में पानी लगाने पहुंचे। गुड़िया के पिता गांव के अन्य दबंग लोगों के साथ खेत पर पहुंच गये।फसल में पानी भी नही लगाने दिया,और कहा तू अब फसलों को सींच कर के दिखा अगर बर्बाद नही कर दिया तो कहना।
परिवार ने कर लिया पलायन
इस हाड़कपाऊ ठंड में योगेश का परिवार अब पलायन करने पर मजबूर हो गया था,पलायन करता भी क्यो नही गांव से लेकर पुलिस भी नही सुन रही थी।हालांकि योगेश के परिवार में उसकी एक जवान बहन भी रहती है,जिसके बाद में कभी इधर तो कभी उधर रहने लगे और अपने गांव कुनावली को छोड़ दिया।
अगर तुम्हारी लड़की होती तो तुम क्या करते
जब दबंगों की कारगुजारी की बात 18 दिसम्बर 2021 में पुलिस को एक पत्र के माध्यम से बताई तो थाना इंचार्ज बोले अगर तुम्हारी लड़की होती तो तुम क्या करते। पुलिस की तरफ से कोई भी कार्यवाही नही की गयी,आखिर थक हार कर योगेश के पिता जिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से मिले तो उन्होंने कार्यवाही की बात कही।इसके बाद परिवार के मन में कुछ न्याय की आस जगी लेकिन वह भी जहां की तहां रुक गयी,फिलहाल पुलिस की तरफ से कोई भी कार्यवाही नही की गयी।
अब उच्च न्यायालय से बची है उम्मीद
पीड़ित परिवार ने बताया है हमारी कोई भी सुनने वाला नही है, अब हमारी आखिरी आस केवल माननीय उच्च न्यायालय से ही बची है।अधिकारियों से कार्यवाही की मांग की तो वो भी धरातल पर उतरती हुई नजर नही आयी अब केवल मेरी बात न्यायालय ही सुनेगा।
जिम्मेदार अधिकारी बोले
जब पूरे मामले की जानकारी एएसपी से ली तो उन्होंने बताया है मामला मेरी संज्ञान में आया है मैं इसको दुबारा से चेक करवा लेता हूं,और जांचोपरांत कार्यवाही करवाऊँगा।
No comments:
Post a Comment