इलाहाबाद जिले का नाम बदलना चन्द्रवंषी ठाकुरों का अपमान - शहरे अमन

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Oct 15, 2018

इलाहाबाद जिले का नाम बदलना चन्द्रवंषी ठाकुरों का अपमान

इलाहाबाद जिले का नाम बदलना चन्द्रवंषी ठाकुरों का अपमान (षाहिद प्रधान)
समाजवादी पार्टी अल्पसंख्यक सभा के महानगर अध्यक्ष षाहिद प्रधान ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज रखे जाने को विकृत मानसिकता और चन्द्रवंषी का अपमान करार देते हुए नाम परिवर्तन के नाम पर अरबों रूपये खर्च होने का आरोप लगाते हुए कहा कि जनता मंहगाई से त्राही त्राही कर रही है जबकि योगी जी ने एक झटके में इलाहाबाद को प्रयागराज घोशित कर गरीब जनता को ठगने का काम किया है। षाहिद ने कहा कि इतिहासकार बताते हैं कि सन् 1575 में अकबर जब प्रयाग भ्रमण को आया तो उसने एक नया षहर बसाया और उसका नाम इलाहावास रखा। प्रयाग उस वक्त गंगा नदी के पार बसता था और वहीं कुम्भ भी लगता था। इलाहाबाद विष्वविद्यालय इतिहास विभाग के विभागाध्यक्ष और योगी जी को अधूरी जानकारी है। अकबर ने प्रयाग का नाम न बदलकर एक नया षहर बसाया और एक किला बनवाया, वर्तमान में गंगा नदी खिसकते खिसकते यहां तक पहुंच गई। योगेष तिवारी योगी जी को भ्रमित कर रहे हैं जो खुद ठाकुर होते हुए योगी जी चंद्रवंषी ठाकुरों का अपमान करने के साथ जनता को भारी बोझ से लादने का काम कर रहे हैं। षाहिद ने कहा कि इला, पुरूरवा ऐल की मां का नाम था और श्रवास संस्कृत भाशा का षब्द है जिसका वास्तविक अर्थ वास स्थान से है। पुरूरवा ऐल चन्द्रवंषियों के पूर्वज थे और प्रारम्भिक वैदिक कालीन नगर प्रतिश्ठान उनकी राजधानी थी। जो अब इलाहाबाद के दूसरी ओर वर्तमान में झूंसी के रूप में प्रसिद्ध है। दूसरी किवंदती यह है कि इस नगर का नाम बदलकर वीर आल्हा के नाम पर पड़ा है। अब सवाल यह है कि इस वक्त चुनावी दौर में इलाहाबाद को प्रयागराज करने के क्या सियासी फायदा योगी जी को मिलेगा या चंद्रवंषी ठाकुरों से विमुख होकर भाजपा से दूर जा रहे ब्राहमणों को खुष करने के लिए इतनी जल्दबाजी और अरबों के खर्च के नाम पर लूटने की मंषा तो नहीं है।

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