नई दिल्ली, 24 मई | राष्ट्रीय उर्दू भाषा संवर्धन परिषद के निदेशक प्रोफेसर शेख अकील अहमद ने कहा कि चूंकि राष्ट्रीय उर्दू परिषद उर्दू भाषा के समग्र विकास के लिए सक्रिय है, इसलिए विभिन्न शीर्षकों के तहत नियमित पैनल बनाए गए हैं। उन्होंने कहा कि आज प्रोफेसर अबू धर उस्मानी की अध्यक्षता में भाषा विज्ञान एवं सामाजिक भाषा विज्ञान पैनल की बैठक हुई.
सभी प्रतिभागियों और अतिथियों का स्वागत करते हुए परिषद के निदेशक ने कहा कि भाषाविज्ञान और समाजशास्त्र भी उसी श्रृंखला की एक कड़ी है, जिसका उद्देश्य उर्दू में भाषाविज्ञान पर पुस्तकें प्रकाशित करना और उर्दू पाठकों को उर्दू के अलावा अन्य भाषाओं की भाषाविज्ञान से अवगत कराना है। करने के लिए इस अवसर पर पिछली बैठक में दिए गए सुझावों का समर्थन किया गया और पैनल के तहत विभिन्न आधिकारिक और अनुसंधान परियोजनाओं पर चर्चा और विचार किया गया। इस दौरान जिन शोध और लेखन परियोजनाओं पर चर्चा हुई उनमें तेलुगु उर्दू डिक्शनरी, उर्दू मालीबारी डिक्शनरी और उर्दू कश्मीरी डिक्शनरी शामिल हैं। इनके अलावा उर्दू भाषा, भाषा विज्ञान और उर्दू शिक्षण से संबंधित विभिन्न परियोजनाओं पर भी चर्चा की गई। संगठित पुस्तकों का प्रकाशन किया जाएगा।
प्रो. अबुजर उस्मानी ने अपने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि अंग्रेजी और अन्य भाषाओं की पुस्तकों के साथ-साथ समाजशास्त्रीय विषयों की पुस्तकों का उपयोग करके समाजशास्त्र पर एक व्यापक पुस्तक का संकलन उर्दू में किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि पैनल द्वारा स्वीकृत वैज्ञानिक एवं अनुसंधान परियोजनाओं को समय पर पूरा किया जाए। उन्होंने उर्दू और सामाजिक भाषा विज्ञान के विशेष अध्ययन की आवश्यकता पर भी ध्यान आकर्षित किया और पाठकों के लाभ के लिए भाषा विज्ञान के विषय को आसान बनाने की वकालत की। उन्होंने निदेशक शेख अकील अहमद को यह बैठक आयोजित करने पर बधाई दी और कहा कि इस विषय में उनकी विशेष रुचि है और इंशाअल्लाह उनकी अध्यक्षता में इस पैनल के तहत उत्कृष्ट पुस्तकें सामने आएंगी। बैठक में परिषद के प्रो. ए.आर. फातिही, प्रो. इम्तियाज हसनैन, प्रो. ओडिश कुमार मिश्रा, प्रो. एजाज मुहम्मद शेख, प्रो. नजीर अहमद, श्री मुहम्मद अशरफ नंदन और डॉ. कलीमुल्ला ने भाग लिया।
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