नई दिल्ली: लखीमपुर हिंसा मसले पर सर्वोच्च न्यायालय ने एक अहम फैसले में इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस आदेश को निरस्त कर दिया है जिसमें केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के बेटे को जमानत दी गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि HC ने पीड़ित पक्ष को सुने बगैर फैसला देना एक तरह से अपने क्षेत्र अधिकार का अतिक्रमण करना है । SC ने हाईकोर्ट से जमानत पर रिहा मंत्री के बेटे को अति शीघ्र सरेंडर करने का आदेश पारित किया है। गौरतलब है कि लखीमपुर हिंसा मसले पर सुर्खियों में रहे केंद्रीय मंत्री के बेटे को पुलिस ने गिरफ्तार कर सलाखों में भेज दिया लेकिन चंद दिनों के बाद जमानत पर बाहर आ गया जिसके बाद से पूरे देश में अदालत के इस फैसले पर लोग तरह तरह की टिप्पणी करने लगे और कहने लगे कि अच्छा कानून है.......?
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