प्रयागराज के शहर दक्षिणी विधानसभा में आज अमन मिश्र और अमन तिवारी ने अन्य साथियों के साथ आम आदमी पार्टी का दामन थामा
साथ ही सपा नेता नुशरत जहाँ ने भी कई महिलाओं के साथ पार्टी की सदस्यता ग्रहण किया
आप महिला प्रदेश महासचिव सुल्ताना हनीफ ओझा एवं यूथ विंग के जिलाध्यक्ष विशाल यादव ने सभी को पार्टी की सदस्यता ग्रहण कराया
*शहर दक्षिणी प्रत्याशी डॉ0अलताफ अहमद ने सभी नए साथियों का हार्दिक स्वागत करते हुये सभी को जनसम्पर्क अभियान में और तेजी लाने हेतु प्रेरित किया
*इस कार्य हेतु रणनीति तैयार कर कार्य किये जाने पर उन्होंने जोर दिया
*सभी नये साथियों ने आम आदमी पार्टी में शामिल हो कर मेहनत कर पार्टी को आगे बढ़ाने एवं पार्टी को मजबूती प्रदान करने का संकल्प लिया
*पूरा फतेह मियां ,शिवनगर ,ए डी ए ,महेवा , रसूलपुर डांडी आदि मुहल्लों में जनसम्पर्क के दौरान प्रत्याशी डॉ0अलताफ अहमद ने बताया कि प्रदेश में आम आदमी पार्टी की सरकार क्यों जरूरी है
*उन्होंने कहा कि इस समय देश व प्रदेश नफरतवादी ताकतों के हाथ में है जिनका संविधान व लोकतंत्र में विश्वास नहीं है ,जाति ,धर्म , हिन्दू-मुस्लिम आदि का कार्ड खेलकर ये अपना उल्लू सीधा करते आये हैं यदि इन ताकतों से जनता को मुक्त न कराया गया तो अमीरी व गरीबी की खांई में जमीन-आसमान का अंतर बढ़ता जाएगा , जनता की सारी पूंजी कुछ पूंजीपतियों की तिजोरी में गिरवी होती जाएगी और गरीब पांच किलो अन्न व नमक आदि पाकर अपनी किस्मत को कोसता रहेगा*
*महिलाओं ,दलितों , किसानों , गरीबों आदि पर अत्याचार बढ़ गया है , कोरोना काल में बिना आक्सीजन के हजारों लोगों को मरते और नदियों में तैरती लाशों को कौन नहीं देखा है*
*अशिक्षित व गरीब वर्ग के बच्चे गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से वंचित हैं जबकि शिक्षा ही बहुमुखी विकास का आधार है*
*उत्तर प्रदेश में अमीर-गरीब सभी को समान रूप से निःशुल्क व गुणवत्तापूर्ण शिक्षा यदि चाहिए तो यहां भी आम आदमी पार्टी की सरकार जरूरी है*
*सभी को निःशुल्क इलाज , मुफ्त बिजली , रोजगार , यदि रोजगार नहीं तो बेरोजगारी भत्ता , महिला सम्मान राशि , किसानों की फसलों का उचित मूल्य , महिलाओं व बच्चियों की सुरक्षा व सम्मान आदि मूलभूत आवश्यकताओं को प्राप्त कराना ही एक संवैधानिक व लोकतांत्रिक सरकार का काम होता है लेकिन अफसोस वर्तमान सरकार इन कार्यों में फिसड्डी साबित हुई है और जनता त्राहिमाम कर रही है*
*उत्तर प्रदेश की जनता के दुःख-दर्
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