तीन अध्यापक के सहारे 47 छात्रों की पढ़ाई का जिम्मा
कौशाम्बी | चायल तहसील के पंसौर गांव में स्थित राजकीय हाई स्कूल अव्यवस्थाओं से जूझ रहा है 15 वर्षों पूर्व शुरू हुई इस योजना में करोड़ों का बजट अवमुक्त हो जाने के बाद राजकीय हाई स्कूल पंसौर का भवन पूर्ण नहीं हो सका है बजट का क्या हुआ इस ओर अधिकारियों ने जांच कराकर दोषियों को दंडित भी नहीं किया है जिससे स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के भविष्य पर संकट मंडरा रहे हैं करोड़ों की रकम पर पर्दा डालने के लिए उच्च प्राथमिक विद्यालय में राजकीय हाई स्कूल का संचालन शुरू कर दिया गया है हाई स्कूल में 47 बच्चे पंजीकृत हैं लेकिन अध्यापकों की तैनाती के नाम पर 3 शिक्षकों को राजकीय हाई स्कूल में ड्यूटी दी गई है जिससे स्कूल के बच्चों की पढ़ाई भी नहीं पूरी हो पाती पूरे स्कूल परिसर में साफ-सफाई का अभाव है चारों तरफ घास और कूड़े लगे हैं बच्चों के पानी पीने के लिए हैंडपंप तो लगाया गया था लेकिन वह भी खराब है जिससे बच्चे पानी के लिए तरसते हैं
विद्यालय में तैनात प्रधानाचार्य सुजाता देवी ने बताया कि इस विद्यालय में तीन अध्यापिका तैनात है जिसमें प्रिया यादव बच्चों को सामाजिक विज्ञान पढ़ाती है और नीतू यादव पढ़ाती है और बंदना राय अंग्रेजी पढ़ाती है स्कूल के छात्रों के अन्य विषय की पढ़ाई कैसे पूरी होगी 15 वर्षों पूर्व राजकीय हाई स्कूल के भवन का निर्माण शुरू हुआ करोड़ों में बजट निकल गया लेकिन बिल्डिंग अभी तक तैयार नहीं है जिससे उच्च प्राथमिक विद्यालय में राजकीय हाई स्कूल के छात्रों को शिक्षा देकर के अपने खामियों पर पर्दा डालने का प्रयास शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने किया है वही प्रधानाचार्य ने बताया कि क्लास 9 में लड़का व लड़कियों की कुल 22 और क्लास 10 में कुल बच्चों की संख्या 25 जिसमे लड़कियों की संख्या 11 व लड़को की संख्या 14 है अव्यवस्था को दूर करने की ओर अधिकारियों ने भी पहल नहीं की है शिक्षा के नाम पर बीते 15 वर्षों से केवल औपचारिकता निभाई जा रही है।
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