नई दिल्ली 05 अप्रैल (वार्ता) लोकसभा अध्यक्ष ओम बेरला ने मंगलवार को कहा कि प्रतिनिधि निकायों की गरिमा जनप्रतिनिधियों के आचरण और व्यवहार पर निर्भर करती है और सदन की गरिमा को कम करना लोकतंत्र के लिए खतरा है। लोकसभा सचिवालय द्वारा आयोजित महाराष्ट्र विधान सभा और विधान परिषद के सदस्यों के लिए एक प्रबुद्ध कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने विधानसभा के सदस्यों को प्रतिनिधि निकायों के सदस्यों के रूप में इन निकायों की प्रतिष्ठा बढ़ाने में सहयोग करने के लिए कहा।
उन्होंने कहा, "हमें सदन में सीटों की घटती संख्या और कार्यवाही में बढ़ती बाधा जैसे मुद्दों पर भी विचार करना चाहिए ताकि इन संस्थानों में लोगों का विश्वास बना रहे।" जनता के विश्वास को पूरा करने की जिम्मेदारी के प्रति जनप्रतिनिधियों को हमेशा संवेदनशील रहना चाहिए। जनता की आवाज को सदन के माध्यम से सरकार तक पहुंचाने के लिए जनप्रतिनिधियों की सक्रिय भागीदारी जरूरी है। लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि जन प्रतिनिधि होना मेरे लिए सौभाग्य की बात है और बड़े सम्मान की बात है। संसद सदस्यों को यह याद रखना चाहिए कि यह विशेषाधिकार गंभीर जिम्मेदारियों के साथ आता है। इसलिए, एक विधायक का मूल कर्तव्य लोगों की समस्याओं और चिंताओं के लिए जिम्मेदार होना है।
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