भय दिखाकर मुसलमानों का वोट लेने वालों को हमारे दुख दर्द से कोई सरोकार नहीं... ओवैसी - शहरे अमन

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Sep 26, 2021

भय दिखाकर मुसलमानों का वोट लेने वालों को हमारे दुख दर्द से कोई सरोकार नहीं... ओवैसी

कानपुर: ऑल इंडिया मजलिस इत्तेहादुल मुस्लिमीन कि प्रयागराज में ऐतिहासिक रैली के बाद कानपुर के जाजमऊ मैदान में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने जनता को संबोधित करते हुए आवाहन किया कि आजादी के बाद से हमें इस्तेमाल करने वाली तमाम सियासी पार्टियां सिर्फ वोट बैंक समझती रही और सभी पार्टी के लीडर को हम कौम का रहबर समझते रहे दरअसल यह रहबर नहीं बल्कि रहजन हैं। जिन्हें हमारी तकलीफों का कोई एहसास नहीं बल्कि यह सब लीडर ठीक उसी तरह से काम करते रहे जैसे जले पर नमक अब इससे ज्यादा बड़ी मिसाल आपके सामने क्या हो सकती है। कि जब तक हम से मतलब रहा साथ बैठा लेते रहें साथ चलते रहें लेकिन जब हमें दिखा कर कौम का वोट लेकर सत्ता पर काबिज हुए तो सबसे ज्यादा जुल्मों सितम हम ही पर हुआ। उन्होंने सभा में आए हुए लोगों से पूछा कि क्या उत्तर प्रदेश में अतीक अहमद व मुख्तार अंसारी ही माफिया और गुंडा है? और तो और एक पार्टी के संस्थापक सदस्य जिन्होंने अपने खून से पार्टी को सीचा जब यह लोग मोहतरम आजम खां के नहीं हुए समझने वाली बात है किसके होंगे हिंदुस्तान के हर सियासी लीडर व तमाम पार्टी के कार्यकर्ता यह बखूबी जानते हैं की उत्तर प्रदेश में MY फैक्टर की वजह से एक पार्टी ने सत्ता का मजा लिया लेकिन बीते दिनों एक पत्रकार ने जब पूछा की MY का क्या मतलब है तो वह महोदय अब इसका मतलब भी दूसरा बता रहे हैं। M से महिला और Y से युवा इससे अब हम लोगों को समझ लेना चाहिए की मीडिया के सामने वह अब मुस्लिम लफ्ज़ भी इस्तेमाल करने से कतरा रहे हैं। कि कहीं दूसरे लोग ना कट जाए असदुद्दीन ओवैसी ने आई हुई आवाम से कहा कि यह सही वक्त है कि आप अपने बीच का लीडर चुन लें क्योंकि इस बार हम जिसको कौम का रहबर समझते रहे हैं वह हमको यह एहसास कराने पर आमादा है कि हमें तुम्हारी जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि हमें भी उन्हें यह अहसास कराना है कि हम अगर तुम्हारे साथ नहीं हैं समझ लो कि सत्ता का स्वाद अब तुम नहीं चक पाओगे। उन्होंने इस पर एक शेर पढ़ा की हम तो दरिया है कोई राह बना ही लेंगे आप पत्थर हो बताओ किधर जाओगे.. सभा को पूर्व सांसद की पत्नी शाइस्ता परवीन ने भी खिताब करते हुए कहा कि पिछली बार जब आपके भाई कानपुर की सर जमी पर आए थे और आपने जो इस्तकबाल और खैर मकदम कर कानपुर के इतिहास में एक नजीर पेश की थी उसके बाद से ही एक पार्टी के लीडर को यह नागवार गुजरा और उन्हीं के इशारे पर हमारे शौहर का उत्पीड़न शुरू हुआ। क्योंकि खुद को अक्लियतो के रहनुमा बताने वाले नहीं चाहते कि कौम का कोई लीडर अपने कौम की नुमाइंदगी करें और उनके हक की बात करें उन्हें सिर्फ वह लीडर चाहिए जो उनकी जी हुजूरी में लगे रहें अब हम को अकल आ गई है अब हम किसी का बस्ता नहीं ढोएंगें ना ही किसी का झंडा अब हम सिर्फ और सिर्फ अपने कायद असदुद्दीन ओवैसी की ऑल इंडिया मजलिस इत्तेहादुल मुस्लिमीन का झंडा उठाएंगे इसी में हम सब की भलाई है। मीटिंग में पार्टी के क्षेत्रीय कार्यकर्ता व पदाधिकारी के अलावा हजारों की तादाद में लोग असदुद्दीन ओवैसी व पूर्व सांसद अतीक अहमद की पत्नी व परिवार की एक झलक देखने को बेकरार दिखे। और थोड़ी थोड़ी देर में शेरे यूपी अतीक अहमद जिंदाबाद और हिंद का शेर असदुद्दीन ओवैसी जिंदाबाद का नारा बुलंद करते रहे। मीटिंग को खिताब करते हुए उस वक्त आवाम ने तालियों की गड़गड़ाहट से असदुद्दीन ओवैसी का खैर मकदम किया जब उन्होंने कहा कि अब हमें ना लैपटॉप चाहिए ना रिक्शा चाहिए नाही आईपैड चाहिए और ना ही किसी तरह का वजीफा हमें शिक्षा से लेकर नौकरी और सियासत में हिस्सेदारी चाहिए बहुत लॉलीपॉप दे दिया तुमने इसी लाली पाप की बदौलत आज मुल्क के मुसलमान की हालत दलितों से बदतर हो गई है। जब की कई बार इखतेदार हासिल करने के बाद भी तुमने हमारे लिए कुछ नहीं किया सिर्फ एक खास वर्ग को तरजीह दी जो सिर्फ 7 फीस दी है और हम 22 फीस दी को रिक्शा व ठेला देकर बहलाते रहे अब तुम्हारे बहकावे में आने वाले नहीं कौम के लोग।

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