भारतीय रेलवे के संगठनात्मक पुनर्गठन पर उत्तर मध्य रेलवे मुख्यालय में आयोजित बैठक
केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा माननीय प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में लिए गए ऐतिहासिक निर्णय जिसमें भारतीय रेलवे प्रबंधन सेवा नामक एक केंद्रीय सेवा में भारतीय रेलवे की मौजूदा आठ ग्रुप ए सेवा के एकीकरण पर उत्तर मध्य रेलवे मुख्यालय में महाप्रबंधक श्री राजीव चौधरी की अध्यक्षता में एक बैठक का आयोजन किया गयाद्य बैठक में उपस्थित सभी प्रमुख विभागाध्यक्षोंए अपर महाप्रबंधक उत्तर मध्य रेलवे एवं वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से इस महत्वपूर्ण बैठक में उपस्थित इलाहाबादए झांसी एवं आगरा मण्डल के मण्डल रेल प्रबंधक सहित अन्य अधिकारीगणों को सम्बोधित करते हुये महाप्रबंधकमहोदय ने बताया कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्रण मोदी की अध्युक्षता में केन्द्रीेय मंत्रिमंडल ने भारतीय रेलवे के रूपांतरकारी संगठनात्मक पुनर्गठन को मंजूरी दे दी है। यह ऐतिहासिक सुधार भारतीय रेलवे को भारत की ष्विकास यात्राष् का विकास इंजन बनाने संबंधी सरकार के विजन को साकार करने में काफी मददगार साबित होगा।
श्री चौधरी ने बताया कि इन सुधारों में निम्नकलिखित शामिल हैंरू
i रेलवे के समूह ष्एष् की मौजूदा आठ सेवाओं का एक केन्द्रीाय सेवा ष्भारतीय रेलवे प्रबंधन सेवा ;आईआरएमएसद्धष् में एकीकरण
II रेलवे बोर्ड का पुनर्गठन कार्यात्मणक तर्ज पर होगाए जिसकी अध्याक्षता सीआरबी करेंगे। इसमें4 सदस्यों के अलावा कुछ स्वतंत्र सदस्य होंगे।
III मौजूदा सेवा ष्भारतीय रेलवे चिकित्सात सेवा ;आईआरएमएसद्धष् का नाम बदलकर भारतीय रेलवे स्वालस्य्ा सेवा ;आईआरएचएसद्ध रखा जाएगा।
रेलवे में सुधार के लिए गठित विभिन्नअ समितियों ने सेवाओं के एकीकरण की सिफारिश की है जिनमें प्रकाश टंडन समिति ;1994द्धए राकेश मोहन समिति ;2001द्धए सैम पित्रोदा समिति ;2012द्धऔर बिबेक देबरॉय समिति ;2015द्ध शामिल हैं।
श्री चौधरी ने बताया कि कि इस ऐतिहासिक निर्णय से कुछ प्रमुख लाभ निम्ननलिखित हैंरू
1. महाप्रबंधकों ;जीएमद्ध एवं क्षेत्रीय अधिकारियों ;फील्डत ऑफिसरद्ध को सशक्तम बनाने के लिए उन्हें0 अधिकार सौंपनाए प्रतिस्पिर्धी ऑपरेटरों को रेलगाडि़यां चलाने की अनुमति देना इत्यारदि द्य महाप्रबंधकों को भारत सरकार के सचिव के बराबर का स्तर दिया जाएगा। यह हमारे सम्मानित ग्राहकों और अन्य हितधारकों को लाभ पहुंचाने वाली सेवाओं की त्वरितए गुणवत्ता और समय पर डिलीवरी में मदद करेगा।
2. इससे अगले स्तर की चुनौतियों का सामना करने और विभिन्न मौजूदा कठिनाइयों से निपटने में मदद मिलेगी क्योंकि यह रेलवे के सुचारु कामकाज को बढ़ावा देगीए निर्णय लेने में तेजी लाएगीए संगठन के लिए एक सुसंगत दृष्टि बनाएगी और तर्कसंगत निर्णय लेने को बढ़ावा देगी।3.वर्तमान विभागीय कार्यक्षेत्रों के स्थान पर फ्न्शनल लाइन के अनुसार रेलवे बोर्ड के पुनर्गठन से क्रास डिपार्टमेंटल आइटमों पर सुचारू निर्णय लेने में मदद मिलेगीए इस प्रकार उत्पादकता में वृद्धि होगी और सभी निर्णय संगठनात्मक लक्ष्य के अनुरूप होंगेद्य
4. रेलवे बोर्ड मुख्य रूप से नीति बनाने के कार्य में शामिल होगाए जिससे क्षेत्रीय और मंडल स्तर पर तेजी से निर्णय लिये जा सकेंगे।
महाप्रबंधक महोदय ने बताया कि अब आगामी भर्ती प्रक्रिया से एक एकीकृत समूह ष्एष् सेवा को सृजित करने का प्रस्तारव है जो ष्भारतीय रेलवे प्रबंधन सेवा ;आईआरएमएसद्ध कहलाएगी। अगले भर्ती वर्ष में भर्तियों में सुविधा के लिए डीओपीटी और यूपीएससी से परामर्श कर नई सेवा के सृजन का काम पूरा किया जाएगा। इससे रेलवे अपनी जरूरत के अनुसार अभियंताओंध्गैर.अभियंताओं की भर्ती करने और इसके साथ ही करियर में उन्नकति के लिए इन दोनों ही श्रेणियों को अवसरों में समानता की पेशकश करने में सक्षम हो जाएगी। रेल मंत्रालय निष्पक्षता एवं पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए कैबिनेट द्वारा गठित की जाने वाली वैकल्पिक व्यिवस्था की मंजूरी से डीओपीटी के साथ परामर्श कर सेवाओं के एकीकरण की रूपरेखा तय करेगा। यह प्रक्रिया एक साल के भीतर पूरी हो जाएगी।भर्ती किए जाने वाले नए अधिकारी आवश्यूकतानुसार अभियांत्रिकी एवं गैर.अभियांत्रिकी क्षेत्रों से आएंगे और उनके कौशल एवं विशेषज्ञता के अनुसार उनकी तैनाती की जाएगीए ताकि वे किसी एक क्षेत्र में विशेषज्ञता हासिल कर सकेंए एक समग्र परिप्रेक्ष्यक विकसित कर सकें और इसके साथ ही वरिष्ठत स्तजरों पर सामान्यन प्रबंधन जिम्मेकदारियों का निर्वहन करने के लिए तैयार हो सकें। सामान्यस प्रबंधन पदों के लिए चयन योग्य्ता आधारित प्रणाली के जरिए किया जाएगा।
महाप्रबंधक महोदय ने आगे यह भी बताया कि रेलवे बोर्ड का गठन अब से विभागीय तर्ज पर नहीं होगा और इसका स्थान एक छोटे आकार वाली संरचना लेगी जिसका गठन कार्यात्मक तर्ज पर होगा। इसमें एक चेयरमैन होगा जो ष्मुख्यत कार्यकारी अधिकारीष् के रूप में कार्य करेगा। इसके साथ ही 4 सदस्यब होंगे जिन्हेंा अवसंरचनाए परिचालन एवं व्याेवसायिक विकासए रोलिंग स्टॉ्क एवं वित्तीय से जुड़े कार्यों की अलग.अलग जवाबदेही दी जाएगी। चेयरमैन दरअसल कैडर नियंत्रणकारी अधिकारी होगा जो मानव संसाधनों ;एचआरद्ध के लिए जवाबदेह होगा और जिसे एक डीजी ;एचआरद्ध आवश्यकक सहायता प्रदान करेगा। शीर्ष स्तएर के तीन पदों को रेलवे बोर्ड से खत्मस ;सरेंडरद्ध कर दिया जाएगा और रेलवे बोर्ड के शेष पद सभी अधिकारियों के लिए खुले रहेंगेए चाहे वे किसी भी सेवा के अंतर्गत आते हों। बोर्ड में कुछ स्वयतंत्र सदस्यल ;इनकी संख्याी समय.समय पर सक्षम प्राधिकरण द्वारा तय की जाएगीद्ध भी होंगे जो गहन ज्ञान वाले अत्यंएत विशिष्टी प्रोफेशनल होंगे और जिन्हें उद्योग जगतए वित्तए अर्थशास्त्र एवं प्रबंधन क्षेत्रों में शीर्ष स्त रों पर काम करने सहित 30 वर्षों का व्यांपक अनुभव होगा। स्ववतंत्र सदस्यश विशिष्टव रणनीतिक दिशा तय करने में रेलवे बोर्ड की मदद करेंगे। बोर्ड से मंजूरी मिलने के बाद पुनर्गठित बोर्ड काम करना शुरू कर देगा। इसके तहत यह सुनिश्चित किया जाएगा कि अधिकारियों को पुनर्गठित बोर्ड में शामिल किया जाए अथवा उनकी सेवानिवृत्ति तक समान वेतन एवं रैंक में समायोजित किया जाए।
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